Sunday 26 April 2015

मेरा देश

मेरा देश मेरी पहचान है
इस पहचान को और निखरने दे
मेरा देश मेरी इबादत है
इस इबादत को और संवरने दे
पहाड़ है मुकुट इसका,नदियां बाहें है
समुन्दर है जिगर इसका,आसमां राहे है
मेरा देश मेरी जरूरत है
इस जरूरत को और तरसने दे
मेरा देश मेरी पहचान है
इस पहचान को और निखरने दे
चाँद है दीपक रात का,
सूरज दिन का उज्जला है
तारे है चमक इसकी,
हिमालय इसका रखवाला है
मेरा देश मेरी शान है
इसमें चार चाँद लगने दे
मेरा देश मेरी पहचान है
इस पहचान को और निखरने दे
त्याग-भावना इसकी रग-रग में
शौर्य इसकी भाषा है
बलिदान की गाथा पग-पग पर
दृढ-निश्चय इसकी अभिलाषा है
इस अभिलाषा को और सुलगने दे
मेरा देश मेरी पहचान है
इस पहचान को और निखरने दे
कण-कण में है मेहनत इसकी
रोम-रोम में करुणा है
जन-जन में है प्यार बसा
सदभावना की ये अरुणा है
इस अरुणा को और दहकने दे
मेरा देश मेरी पहचान है
इस पहचान को और निखरने दे
मेरा देश मेरी इबादत है
इस इबादत को और संवरने दे।

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