Monday 27 April 2015

कदम से कदम मिला कर चल

कदम से कदम मिला कर चल
मंजिल मिल ही जाएगी
रस्ते पर कदम बढ़ा कर तो चल
राहों की बड़ी अजीब अदाएं है
हालात की बड़ी अलग घटाएं है
चारों ओर विपदा के बादल छाएँ है
ऐसे में भी ख़ुशी के गीत गा कर चल
कदम से कदम मिला कर चल
ना देख रास्ता कितना लम्बा है
ना सोच,ये संसार का अचम्भा है
ना डर कि अँधेरा इतना घना है
अँधेरे में भी आशा के दीप जला कर चल
कदम से कदम मिला कर चल
कर्म कर,अपने रस्ते से भटक मत
लोभ-लालच,मोह-माया से लटक मत
दूसरों की अमानत को यूँ गटक मत
अपना जीवन परहित पर वार कर चल
कदम से कदम मिला कर चल
मंजिल मिल ही जाएगी
रस्ते पर कदम बढ़ा कर तो च

1 comment:

  1. वाह वाह लाजवाब है भाई साहब

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