Thursday 22 October 2015

राम कौन है

राम कौन है आप में,बताए कोई जरा
जलते हुए रावण ने पूछा सबको
जब-जब घमण्ड ने मनाया हर वर्ष दशहरा

कदम-कदम पर बैठी है कितनी अहिल्या
लेकिन किसी को भी अभी तक राम नही मिला
कितनी सीता सहती है जुल्म की आग को
और कितनी अबलाओं को जाता है रोज हरा
राम कौन है आप में,बताए कोई जरा
जलते हुए रावण ने पूछा सबको
जब-जब घमण्ड ने मनाया हर वर्ष दशहरा

रावण तो एक ही सुना था लंका के लिए
पता नही अब तक कितने रावण मार दिए
कितने रावण है अभी तक मन के अन्दर
कोई उसमें झांककर तो देखे जरा
राम कौन है आप में,बताए कोई जरा
जलते हुए रावण ने पूछा सबको
जब-जब घमण्ड ने मनाया हर वर्ष दशहरा

कितना पाखण्ड देखा जाता है हर वर्ष
कितना दिखावा होता है हर तरफ
राम जैसा आदर्श दीखता कहीं भी नही
फिर भी रावण को जलाया जाता है हर तरफ
पर अंदर का दम्भ अभी तक है नही मरा
राम कौन है आप में,बताए कोई जरा
जलते हुए रावण ने पूछा सबको
जब-जब घमण्ड ने मनाया हर वर्ष दशहरा

कितना पैसा बहा दिया जाता है हरबार
कितने तीरों की पैनी की जाती है धार
फिर छोड़ दिया जाता है उस पुतले पर
स्वयं का करते हुए राम सा श्रृंगार
अभी तक किसी का मन नही है भरा
राम कौन है आप में,बताए कोई जरा
जलते हुए रावण ने पूछा सबको
जब-जब घमण्ड ने मनाया हर वर्ष दशहरा

कब तक झूठ के पुतलों को जलना होगा
कब तक श्रद्धा के नाम पर पाखण्ड होगा
कब तक करेंगे राम और रावण का दिखावा
कब तक ये धर्म के नाम पर खेल होगा
इस पर भी तो कोई विचार करो जरा
राम कौन है आप में,बताए कोई जरा
जलते हुए रावण ने पूछा सबको
जब-जब घमण्ड ने मनाया हर वर्ष दशहरा

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